मैं काफी समय से इस जीवन के चरण के बारे में लिखने की सोच रहा था, शुक्र अस्तम भाव में विर्गोत्तम होकर शनि और जुपिटर से दृष्ट होकर काफी तहलका मचा रहा था उस समय। हाँ, सही पढ़े, मैं एम.टेक कर रहा था, ऑनलाइन फेज को पूछो मत, मेरी पार्टनर ने मुझे जमीन पे ला दिया था। अप्रैल आता है और मेरे कुछ दोस्त ही बने थे।
मैं पहुँचता हूँ कॉलेज में, साला कॉम्पेटिशन इतना था मेरे कॉलेज में कि पूछो मत। हर कोई एक दूसरे से डरा रहता था कि साला ये मार्क्स ले आया तोह रिलेटिव नंबर की वजह से मेरे मार्क्स कम हो जाएंगे और प्लेसमेंट की *** जाएगी। एक तरफ ये सब और एक तरफ मैं।
मुझे ये लग गया था कि मुझे ही सब कुछ करना है क्योंकि मेरी पार्टनर *** थी। मैंने सब कुछ अकेले ही मैनेज किया। जब मैं कॉलेज आया तो मेरी बात काफी लोगों से हुई नॉर्मली, पर पता नहीं कब बातें गहरी दोस्ती में बदल गयी पता नहीं चला मुझे।
अब इवेंट्स स्टार्ट होते हैं लाइफ के, मैं बेसिकली जिम जाता था और हेवी वेट मारता था, वहाँ लोंडे लोग काफी रहते थे मेरे साथ, सपोर्ट देते थे और मैं भी देता था। वहाँ से एक पावरलिफ्टिंग कल्चर बना मेरे कॉलेज में।
कुछ दोस्त मेरे ऐसे भी थे कि उनकी लाइफ में गम और नशा दोनों साथ चलता रहता था। बोलते थे मुझे कि सब एम.टेक वाले *** एक तरफ और प्रज्वल भैया एक तरफ। उस हॉस्टल के रूम में काफी नशा चलता था। एक दिन उन्होंने मुझे खूब पिलाई और साला मैं पीते पीते उस रूम का ऐसा वास्तु कर दिला कि, उस रूम में कभी चेकिंग हो ही नहीं पाई।
उसके बाद फिर सारे दोस्तों ने मुझे नशे की हालत में पूरा कॉलेज घुमाया, मैं ** की तरफ इतना हँसा था उस समय की पूछो मत, शायद ये हो सकता है कि दिल में गम था उस ** का, और उस गम को बताने वाले मेरे ** दोस्त। भाई वो मेरी लाइफ का काफी हाई और अच्छा समय था।
उस समय तक मैं कॉलेज में काफी फेमस था, पॉजिटिव वे में। मैंने काफी लोगों का दुख दर्द सुना और काफी बच्चों की प्लेसमेंट में मदद की। एक इमोशनल कनेक्ट हो गया मेरा। धीरे धीरे मैं पावरलिफ्टिंग कॉम्पेटिशन में गया और सिल्वर मेडल जीता, एक अपने दोस्त की सेटिंग भी करवाई, एक महीने से पीछे पड़ा था, उसकी एक दिन में ही बात करवा दी, पर वो ज्यादा चली नहीं।
मतलब अगर मैं आपको कहूँ कि उस समय कुछ भी न होते हुए भी प्रभु से मुझे सब कुछ दिया और मानो या न मानो मैं प्रभु का फैन हो गया... सख्ती होती है यार बिल्कुल होती है।
हाँ एक और इवेंट याद आया मुझे गरबा नाइट था उस समय, मैं लाल कुर्ता पायजामा में मस्त डांस किया मैंने और पता नहीं मेरा बी.टेक का एक दोस्त मुझे बिस रुपये वाली माउंटेन ड्यू में वोडका पिला दी। मैं पीने के बाद कह रहा हूँ ये क्या पिला दिया तूने। धीरे धीरे वो गायब हो गया। मुझे याद है उस समय एक लड़की थी मुझे अच्छी वाइब आती थी और वो मुझे गरबा में मिली। नशे की हालत में मैंने उसे पकड़ लिया और तारीफ करते रहा उसके सामने। उस समय वो एक मेरा दोस्त या कह रहा था भैया क्या कर रहे हो आप..लोल
बात होती है कुछ ऐसी कि हमारा क्लाउड कम्प्यूटिंग का मिड टर्म पेपर था और शायद मैं सही सोच रहा हूँ कि उस समय पी नाम के लड़के की हार्ट बीट डाउन हो गयी थी तब मैं और मेरे बी.टेक के दोस्त उसे दिल्ली के इमरजेंसी में ले गए। भाई क्या बताऊँ मैं तुम्हें उस जगह की हालत पूछो मत। देखने में कुछ ऐसा था कि एक माँ ने अपनी बेटी खो दी थी एक ने अपने पापा। जैसे तेरे हम उसे ले गए तब उसका ई.सी.जी. करा तब वो सही हुआ।
ऐसे करके काफी बने मेरे, काफी चीजें सीखी और प्रभु देख लिए।
फिर हम आते हैं कंपनी में जुपिटर सन की दशा में, और तीन साल के बाद मैं हील हुआ। मेरी कंपनी में मुझे लोग काफी अच्छे मिले और मुझे एक्सेल वाली कंपनी में कोडिंग वाला काम मिला। पर फ्रेशर होने की वजह से मुझे सितंबर से लेकर दिसंबर में काफी दिक्कत आयी। उस समय समझ नहीं आ रहा था कि मैं काम करूँ तो कैसे करूँ। मैंने देवी की पूजा करना स्टार्ट किया और एक बहुत अच्छा मैनेजर आया और उसने एक ही हफ्ते में सारा काम करवा दिया।
उस समय मैंने देवी वर्शिप नहीं छोड़ी और कंसल्टेशन करते करते और काफी जगह घूमते घूमते काफी लोगों की मदद की और अपने कंपनी में भी। एक दिन मुझे शादी का सपना आता है और मेरी माँ कहती है तेरे लिए रिश्ता आया पर मैंने मना कर दिया। ओके सपने की वजह से और काम की वजह से मैं काफी परेशान था। कंपनी में लंच के टाइम में एक लड़की के पास बैठा और मैं सोच ही रहा था सपने का कि मुझे खांसी आनी स्टार्ट हो गयी।
वो लड़की मुझे कहती है कि मैं आपके लिए पानी ला आती हूँ। जैसे ही मैंने ये सुना मैं उसे अपना दिल दे बैठा। मैंने बात की उससे। एक बात और है कि मैं उससे 4 जनवरी को मिला था मेरी दोस्त की वजह से क्योंकि उस समय कैफेटेरिया में खाना खत्म हो चुका था। मेरी एक पर्सनालिटी है कि अगर मैं किसी को दिल दे बैठा हूँ तो मैं कुछ सोचता नहीं न कुछ एक्सपेक्टेशन होती है।
ये बात पूजा करते करते मैंने देवी को बतायी और बोला कि माँ, मैंने तो एक अपने कुल की लड़की माँगी थी तूने ये क्या अनर्थ कर दला? पहली बात तो लड़की सिंधी, दूसरी बात मुझे 1.5 साल बड़ी, तीसरी बात मैं बस करते जा रहा हूँ, और मुझे डर न बुरा लग रहा है तो आगे तू ही देख लेना जो भी होता है। हाँ पर एक चीज़ थी मेरी लाइफ में मेरे दोस्त या ऐसे कुछ लोग जब मुझे मिलते हैं तो उसकी लाइफ में काफी प्रॉब्लम या कुछ ऐसे इवेंट होते हैं जो उनको अंदर तक तोड़ चुके होते हैं।
जब मैं उस लड़की से बात कर रहा था तब मुझे वो काफी डरी हुई लग रही थी, ऐसा लग रहा था कि इसका किसी में दिल तोड़ा है, और मेरा इंटुइशन कभी गलत नहीं जाता है। मैंने उससे पूछा तो उसने झूठ बोला मुझसे। पर चलो कोई बात नहीं, देवी ने उसे भेजा है मेरी लाइफ में तो बहले ही मेरे साथ वो रहे या न रहे मुझे उसका ध्यान रखना है और साथ में अटैच ज्यादा नहीं होना है।
धीरे धीरे करके इंस्टा से जुड़ा मैं और उसने मुझे बताया कि वो अगले महीने जा रही है अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूमने। चलो बढ़िया मैंने कहा कि तुम पहले बता देते तो मैं वो सब करता ही नहीं पर अब तुम मेरे दोस्त हो तो काफी भी कुछ दिक्कत आये तो याद करना मुझे। देवी ने मेरी परीक्षा ली थी इस समय भी।
मैं बस इतना चाहता हूँ कि जो लोग मेरी लाइफ में हैं वो अच्छे से रहे जैसे ये लड़की और अपने पास्ट को भुलाकर अपनी ज़िन्दगी आगे अच्छे से क्यूंकि वादा किया है तो निभाना पड़ेगा...
मैं परामर्श के मार्ग पर चलते हुए अक्सर विचार करता हूं कि क्या मैंने अपने ग्राहक की समस्याओं का समाधान सुझा दिया है, या इसकी संभावना अभी भी एक अनसुलझी पहेली है। परंतु, एक गहरा प्रश्न मेरे मन में उठता है - क्या मैं उसे उसके अतीत के अनुभवों से उबरने में मदद कर सकता हूँ, जिन्होंने उसे इतना बदल दिया है कि वह अब किसी पर भरोसा नहीं करता? क्या मैं उसके हृदय में पुनः प्रेम की गहराई और विश्वास को भर सकता हूं?
मेरी चिंता इस बात पर भी केंद्रित है कि क्या मेरी परामर्श सेवाएं केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित हैं, या क्या मैं उन्हें उनके पूर्व स्वाभाविक स्थिति में वापस ला सकता हूँ, जहाँ वे पूर्णता और संतोष की अनुभूति कर सकें। मेरा मानना है कि यदि मैं इसे हासिल कर पाऊँ, तो परामर्श देने की मेरी कला में एक नया आयाम जुड़ जाएगा, जिससे न केवल मेरे ग्राहक को बल्कि मुझे भी एक असीम संतोष और आत्मिक खुशी की प्राप्ति होगी।
तो बी कंटीन्यूड...
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