2021 की बात होई, ये चीज मुझे काफी देर से समझ आई की लोगों की लाइफ में जो इवेंट होते उनके कनेक्शन या कनेक्टिंग डॉट्स छोटे-छोटे इवेंट्स से होते हैं। लोग मुझे ये कहते हैं कि अगर ऐसा होगा तो ऐसा होगा। अगर मैं ये करती तो ऐसा होता और शायद मैं इस सिचुएशन से बच जाती।
लेकिन मेरा ये मानना है कि ऐसा होता नहीं है, मतलब कि लाइफ में चीजें और इवेंट्स पहले से प्रीडिफाइन्ड होते हैं। अगर कोई टाइम ट्रैवल हो तो वो पास्ट की वीडियो में भी कैप्चर हो जाएगा। अगर किसी को स्ट्रगल करना है तो वो स्ट्रगल करेगा। अगर कोई पूजा करके या अगर उसकी किसी सही इंसान से मदद हो जाए तो वो बचेगा। कोई भी चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं, लेकिन लोग तो अपना तर्क देते रहते हैं कि ऐसा करो वैसा करो।
लेकिन अंत में जो होना होता है वैसा ही होता है। अब सवाल ये है कि कुछ लोगों के साथ बहुत बुरा होता है, उसमें मैं ये कह सकता हूँ आम इंसान की भाषा में कि अगर एक इवेंट की होने की प्रॉबेबिलिटी काफी है तो उसे कोई रोक नहीं सकता और ऐसे में तब लोगों का ऐसा कहना वैसा कहना व्यर्थ है।
मेरी सोच, मेरे मुँह से निकला हर स्वर, नए इन्वेंशन्स, स्ट्रगल, फेल्योर सारे प्रीडिफाइन्ड हैं। हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जो सोचता बहुत है, काम करता है, दान करता है, परिवार बनाता है और अपने आप को बड़ा समझता है, लेकिन हम सुई की नोक के जितने के काबिल नहीं हैं क्योंकि मरने के उपरांत ये सब चीजें मायने नहीं रखतीं बल्कि ये मायने रखता है कि हम अपने आप को बेहतर कैसे बनाएं और मजे की बात ये भी निर्धारित है।
मेरी सोच ये है कि जीवन की हर घटना, हर संघर्ष और हर सफलता पहले से तय होती है। हम भले ही अपने प्रयासों से, अपनी मेहनत से कुछ बदलने की कोशिश करें, लेकिन अंततः वही होता है जो लिखा है। यह विचार मुझे एक ओर हिम्मत देता है कि मैं अपनी पूरी कोशिश करूँ, लेकिन दूसरी ओर यह भी समझाता है कि हर परिणाम मेरे हाथ में नहीं है।
हमारा समाज और हम खुद भी सोचते हैं कि हम अपने भाग्य के निर्माता हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि बहुत कुछ हमारे नियंत्रण से बाहर है। यही सोच हमें हमारे कार्यों को पूरी निष्ठा से करने और हर परिस्थिति में सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा देती है। जीवन की हर चुनौती और हर अवसर एक नई सीख लाता है, और यही जीवन का सार है।
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