Beyond Predictions...

Case 1

मेरी मामी मतलब मेरे मम्मी के भाई की पत्नी, उनसे मेरी काफी अच्छी पट्टी है, ऐसे ही मैं टाइम में जाता था उनके पास क्योंकि घर काफी आस पास रहता था। उस टाइम काफी हमारी ज्योतिष चर्चा होती थी और ज्योतिष में उस टाइम में ज्यादा अच्छा भी नहीं था। थोड़ा बहुत देख लेता था, जब मैं 12 क्लास में था तोह एक मैडम थी उनका नाम नहीं बोलूंगा मैं वो हमारे मैथ पढ़ाती थी.. मामी भी उसी स्कूल में हिंदी पढ़ाती थी। तो हुआ क्या की उन मैथ वाली मैम के बच्चे के बारे में पूछा मुझे।

मोबाइल खोला था मैंने उस टाइम और देख रहा था मैं इसकी महा दशा में आखिरी अंतर दशा चल रही है, मैंने कहा मामी इसको कहना ट्रैवल मत करना नहीं तो काफी दिक्कत आ जाएगी पर अवॉयड करना ट्रैवल। शायद मम्मी उस टाइम मेरी परीक्षा ले रही थी पर बात ये हुई थी की वो ट्रैवल कर रहा था एक दिन पहले और उसका एक्सीडेंट हो गया था और वो कोमा में था।

और मजे की बात दिसंबर को अगले दो दिन के बाद ग्रेजुएट एल्गोरिदम का पेपर भी था, सबसे टफ पेपर, बाप रे कोई ना ले वो सब्जेक्ट। ऐसे में उन मैडम का कॉल आता है मुझे पेपर के जस्ट शुरू होने में। हा एक चीज बताना भूल गया मैं की उस टाइम कोरोना की वजह से लॉकडाउन था तो पेपर ऑनलाइन हुए, तुम सोच रहे होंगे की हो जाएगा पेपर पर पेपर गूगल से नहीं था दूसरे ब्रह्मांड से था। पेपर मैंने जैसे तैसे दिया।

फिर पेपर देने के बाद मैंने उनको कॉल किया और कुछ मंत्र और रेमेडीज दी और मुझे याद होगा शायद वो 23 थी दिसंबर की आईगेस, बोला की वो टाइम काफी क्रिटिकल है और सेम चीज डॉक्टर्स ने भी बोली। वहाँ से मैं एक चीज समझ गया था की प्रज्वल बस तेरा जिंदगी का मैन ऑब्जेक्टिव शुरू होने वाला है तो आगे आने वाली चुनौतियों से लड़ना है तुझे और अपनी इस विद्या से लोगों की हेल्प भी करनी है।

उस टाइम में एक दुविधा में फसा था की पेपर के लिए पढ़ू या इन्हें सांत्वना दू। टाइम जैसे तैसे मैनेज किया पेपर भी दिया और चीजे अच्छी हो गई..वो लड़का बच गया..

Case 2

अप्रैल 2022 के अंत की बात होगी, मुझे मेरी दोस्त की ओर से एक बुजुर्ग महिला के बारे में पता चला जो कि 70 वर्ष की होगीं, ICU में भर्ती थीं। उनके परिवार वाले आशा खो चुके थे कि वह बचेंगी कि नहीं। उनके सारे परिवारवालों को यह लग रहा था कि वो जल्दी ही स्वर्ग पहुंच जाएँगी। अगर मैं एक सामान्य इंसान होता ऐसे समय में, तब मैं भी यही सोचता कि ये जल्दी चले जाए ताकि इनको कोई पीड़ा न हो।

मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा कि ये बचेंगी कि नहीं, जब मैंने प्रश्ना बनाया तब एक नहीं एक से ज्यादा ऐसे फैक्टर्स थे कि उनकी मृत्यु होना पक्का लिखा था। पर एक अजीब बात थी प्रश्ना में कि ज्यूपिटर का ट्रांजिट होना था उस जगह ज्यादा ये देखा जा सकता था कि वे बच जाएँगी। अगर ज्योतिष को एक साइड रखें और सामान्य इंसान और डॉक्टरों की सलाह से देखें तो उन्होंने ये कहा था कि बुजुर्ग महिला शायद ऑपरेशन न झेल पाए और मृत्यु हो जाए। उस समय पूरा परिवार भी इंतज़ार कर रहा था कि उनकी मृत्यु कब होगी क्योंकि ऑपरेशन से मृत्यु बेहतर इंतज़ार करना है। सारे परिवारवाले उनके साथ थे।

मैं प्रश्ना देख ही रहा था कि मेरी नज़र ज्यूपिटर और कुछ ग्रहों के ट्रांजिट पर गई, और एक अजीब सा विचार प्रक्रिया शुरू हुई कि क्या मैं इस महिला की जान बचा सकता हूँ, हाँ मैं बिल्कुल... थोड़ा और समय लिया मैंने विश्लेषण में फिर एक तारीख निकाली और मैंने कहा कि आप मई 6 में करवाना ऑपरेशन ये बच जाएँगी, लेकिन डॉक्टर ने कहा था कि ऑपरेशन नहीं झेल पाएँगी ये महिला।

उसे 2 महीने बाद मुझे ये पता चलता है कि सारे परिवारवालों की सहमति से ऑपरेशन कराया गया और ऑपरेशन भी हो गया और महिला बच गई...

कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि जीवन कितना chota है, हम इधर-उधर भागते रहते हैं चीजों के पीछे और परेशान होते रहते हैं। हमारी प्रवृत्ति ही कुछ ऐसी बनी है। हम अपने करियर, प्यार के पीछे इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपनों को ही भूल जाते हैं। मैं कभी यह नहीं कहता कि स्वयं से प्रेम करो, क्योंकि प्रेम तो एक भाव है, जितना दोगे, उतना वह किसी न किसी रूप में वापस आ जाएगा। यदि प्रेम भाव से तुम किसी को heal कर सको, तो इससे बढ़कर और क्या हो सकता है? अंत में, जब तुम गिरते हुए, प्रभु से संवाद करोगे, तो वही प्रेम भाव तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा।

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